Jaipur News- बालश्रम की रोकथाम का संदेश देने घर-घर पहुँचेगा वाहनों का "कारवां"

देखा गया

श्रम विभाग और सेव द चिल्ड्रन की पहल 

बालश्रम की रोकथाम एवम जागरूकता अभियान का शुभारंभ

श्रम विभाग और राजस्थान सरकार का प्रयास है कि बालश्रम मुक्त बने राजस्थान -डॉ. नीरज के पवन

'कारवां' में गूंजेगा रविन्द्र उपाध्याय और रुचि खण्डेलवाल द्वारा गाया बालश्रम जागरूकता गीत


Media Kesari ✍🏻

जयपुर-24 जून। बालश्रम,अर्थात बाल मजदूरी (Child labour ) एक सामाजिक कुरीति है जो बच्‍चों से स्‍कूल जाने का अधिकार छीन लेती है और पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी के चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकलने देती।

बालश्रम एक क़ानूनन अपराध भी है। 14 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा पढ़ाई करने के बजाय किसी कारखाने, ग़ैराज, ढाबे, होटल, चाय की दुकान, घरेलू नौकर या अन्य किसी भी जगह पर काम करता या करती दिखाई दे या 15 से 18 साल का बच्चा किसी भी जोखिमपूर्ण जैसे ईंट-भट्ठा, खदान, फेक्ट्री आदि में काम करता पाया जाए तो बालश्रम की सूचना तुरंत टोल फ्री फोन नम्बर चाइल्डलाइन 1098 पर दें।

   "चलो, हम मिल कर राजस्थान को बालश्रम मुक्त बनाएं।"- इस सन्देश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय बालश्रम उन्मूलन वर्ष 2021' की गतिविधियों के तहत श्रम विभाग, राजस्थान सरकार, वर्क नो चाइल्ड्स बिजनैस (Work No Child's Business ) और सेव द चिल्ड्रन ( Save the Children) द्वारा बालश्रम की रोकथाम और जागरूकता कारवां अभियान की शुरुआत श्रम विभाग के हसनपुरा स्थित कार्यालय से की गई। 

bal-shram-adhiniyam

"Carvaan" of vehicles will reach door to door to give the message of prevention of child labor

"कारवां" के वाहनों को सचिव, श्रम एवम नियोजन विभाग, डॉ नीरज के पवन (Neeraj k Pawan), श्रम आयुक्त प्रतीक झाझरिया, श्रम उपायुक्त विधि, उमेश रायका ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। 

इस अवसर पर सचिव, श्रम एवम नियोजन डॉ नीरज के पवन ने कहा कि श्रम विभाग और राजस्थान सरकार का प्रयास है कि बालश्रम मुक्त राजस्थान बनें, इसके लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। इसके साथ-साथ जनजागरूकता आवश्यक है। श्रम विभाग, सेव द चिल्ड्रन के साथ मिल कर बालश्रम की रोकथाम का संदेश घर-घर तक पहुंचाने का 42 दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया है। 14 वर्ष से नीचे का कोई भी बच्चा या बेटी किसी भी प्रकार के नियोजन में पूर्णतया निषिद्ध है। न केवल बड़े कारखानों में बल्कि घरों में भी 14 साल से छोटा बच्चा काम कर रहा है तो यह पूर्णतया गलत है। यह संदेश सरकार के साथ साथ स्वयं सेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को मिल कर घर-घर तक पहुंचाना होगा।

bal-shram-ki-roktham-save-the-children-jaipur


श्रम उपायुक्त प्रतीक झाझरिया (Prateek Jhajharia) ने कहा कि कारवां के माध्यम से बालश्रम रोकथाम के संदेश हर गली, मुहल्ले और नुक्कड़ तक पहुंचेगा। हम यह संदेश दे रहे हैं कि सभ्य समाज में बालश्रम किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। बच्चों के हाथों में कलम की जगह ईंट थमाना सबसे बड़ा अपराध है। बच्चों की जगह कारखानों, ढाबों और खदानों में नहीं है,उन्हें अपने सपने पूरे करने के हक़ है और यह तभी सम्भव है जब हमें समाज के हर सदस्य का सक्रिय सहयोग मिले। समाज सजग हो और वो अपने आस पास, परिवेश में होने वाले बालश्रम की जानकारी चाइल्ड लाइन को दे। बालश्रम की रोकथाम में समाज का सक्रिय सहयोग ही हमें राजस्थान को बालश्रम मुक्त बनाएगा। सेव द चिल्ड्रन के मेनेजर, चाइल्ड प्रोटेक्शन, रमाकान्त सतपथी ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी ने परिवारों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है और शहरों और गांवों में बच्चे कमाई में परिवार का हाथ बंटाने को मजबूर हुए हैं। 

यह भी पढ़ें-- झोपड़ी से यूरोप तक का सफर तय करने वाली रूमा देवी (Ruma Devi) ने बच्चों से साझा की अपने संघर्ष की कहानी

आम जनता को बालश्रम कानूनन अपराध है, यह जानकारी देने और हर हाल में बालश्रम को रोकने के लिए श्रम विभाग के साथ मिल कर हमने यह 42 दिवसीय अभियान शुरू किया है। इस दौरान कारवां वाहन जयपुर के विभिन्न इलाकों में जाएंगे और रोचक गीत और संदेश के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाएंगे। शहर के अंदरूनी इलाकों में ई रिक्शा के माध्यम से संदेश प्रसारित किए जाएंगे। मैनेजर, एडवोकेसी, ओम आर्य ने  बताया कि हर बच्चा स्कूल जाए, कोरोना के चलते स्कूल लगभग दो साल से बंद हैं और इससे बच्चों की सीखने की गति प्रभावित हुई है। सरकार को गांव स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए ताकि बच्चे शिक्षा से पुनः जुड़ें और वे परिवारों के साथ कमाई करने के कामों में ना जुटे। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों के साथ, सेव द चिल्ड्रन के हेमन्त आचार्य, संदीप सोनी, एजाज़ नज़र, आदि उपस्थित थे। 


कारवां में गूंजेगा बालश्रम जागरूकता गीत

बालश्रम की रोकथाम के लिए श्रम विभाग और सेव द चिल्ड्रन द्वारा अभियान कारवां में बालश्रम रोकथाम सम्बन्धी गीत बजाया जाएगा। अशेष शर्मा द्वारा लिखित गीत को रविन्द्र उपाध्याय और रुचि खण्डेलवाल ने गाया है। इसे अमित ओझा ने संगीतबद्ध किया है। इस अवसर पर बॉलीवुड सिंगर रविन्द्र उपाध्याय ने अपने संदेश में कहा कि कोरोना महामारी से बच्चों की पढ़ाई छूटी है और बालश्रम का खतरा बढ़ा है । हर एक व्यक्ति को बालश्रम रोकथाम की ज़िम्मेदारी लेनी होगी। हर बच्चा पढ़ना चाहता है आगे बढ़ना चाहता है हमें उसे उचित अवसर देने होंगे। मैं अपने गीतों के माध्यम से मन के भाव जगाता हूँ और समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभा कर खुश हूँ।

Post a Comment

0 Comments