डिजिटल बाल मेला के साथ जरुरतमंद बच्चों को पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराएगा इग्नू
--डिजिटल बाल मेला में बच्चों संग हुए संवाद में बोले इग्नू के रीजनल डायरेक्टर डॉ अजयवर्धन आचार्य
जयपुर-02 जुलाई। इग्नू ( IGNOU) ) के रीजनल डायरेक्टर डॉ. अजयवर्धन आचार्य (Dr Ajayvardhan Acharya) ने डिजिटल बाल मेला (Digital Baal Mela 2021) के बच्चों के साथ जुड़कर गरीब बच्चों को पाठ्यसामग्री उपलब्ध कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वे बच्चे जिन्हें शिक्षा लेने का पूरा अधिकार है, लेकिन किसी कारण से वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ना हर नागरिक का कर्तव्य है। ऐसे में डॉ. आचार्य ने कहा कि वो ये काम डिजिटल बाल मेला के बच्चों संग मिलकर करना चाहेंगे। जो कि बच्चों के साथ ही उनके लिए भी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय होगा। इससे ना सिर्फ बच्चों को अपने भविष्य की सीख के लिए शिक्षक मिल सकेगा बल्कि वो शिक्षा का अधिकार भी प्राप्त कर सकेंगे।यह बात उन्होंने शुक्रवार को फ्यूचर सोसायटी और एलआईसी की ओर से प्रायोजित देश के पहले डिजिटल बाल मेला 2021 के सीजन 2 की थीम 'बच्चों की सरकार कैसी हो' के मंच पर बच्चों से रुबरु होकर कही।
उन्होंने बच्चों से राजस्थान में युवाओं के करियर विकास कार्यक्रम, रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए नवीन शिक्षा नीति के अनुरूप मॉडल एवं शिक्षा से जुड़े अन्य पहलुओं पर बात की।
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संवाद की शुरूआत में काव्य गादिया ने डॉ आचार्य का स्वागत किया। राष्ट्र के नव निर्माण में सबसे जरूरी साधन शिक्षा को महत्व देते हुए इस संवाद में डॉ अजयवर्धन आचार्य ने बच्चों को नई शिक्षा नीति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शिक्षा उनके संस्कार, नैतिकता, अनुशासन और आत्मबल के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। भविष्य में बच्चे किसी भी क्षेत्र में अपना करियर बनाएं, लेकिन ये सभी बहुत जरुरी है।
कक्षा 6 से 12 कक्षा के लिए New Education Policy (NEP) को लेकर डॉ आचार्य ने बताया कि इसमें बच्चे छठीं कक्षा से अपनी रूचि का विषय पढ़ सकेंगे। ये बच्चों को रोजगार और स्वरोजगार का अवसर देगी। इसके लिए एप्लिकेशन भी तैयार कर रहे है। जिस पर बच्चे गूगल से एंट्री ले सकते है। ये नई नीति बच्चों की शिक्षा में महत्वपूर्ण सहायक साबित होगी जहां बच्चे अपने मन के विषय को विस्तार से पढ़ सकेंगे।
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बच्चों को देश का भविष्य मानने वाले डॉ आचार्य ने बच्चो के मन में उठे रोजगार के सवालों पर भी जवाब दिया। जब नागौर की ललिता बाबल ने पूछा कि पूर्ण शिक्षा के बाद भी रोजगार नहीं मिल पाता है तो सरकार इसके लिए योजना क्यो नही बनाती है? जिस पर डॉ आचार्य ने बताया कि इसका हल निकालने का निरंतर प्रयास हो रहा है।
जिसमें बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार रोजगार दिया जाएगा। वहीं, वे अपनी कुशल योग्यता और अपनी मेहनत में उस क्षेत्र में नोैकरी पा सकेंगे। नई शिक्षा नीति बनाने के पीछे भी सरकार का यही उदेश्य है। बता दें कि इस संवाद का लीडर अनादि को घोषित किया गया है।
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