सामाजिक कुरीतियों की वजह से बहुत कम है देहदान का प्रतिशत -- डॉ. मनीष शर्मा
Media Kesari (मीडिया केसरी)
जयपुर-12 जुलाई। समाज में देहदान के प्रति जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक देहदान की घोषणा के लिए आगे आ रहे हैं। मानव सेवा के इस पुनीत कार्य में जयपुर की रिया दगड़ा (Riya Dagra) ने भी अपना नाम जुड़वा लिया है। ज़रूरतमंदों की सेवा के लिए हरदम आगे रहने वाली जयपुर की समाज सेविका रिया दगड़ा ने सोमवार को SMS मेडिकल कॉलेज जाकर अपनी देहदान का संकल्प-पत्र भरा।
रिया ने बताया कि राजस्थान (Rajasthan) में सरकारी क्षेत्र में अंगदान व देहदान के लिए काम करने वाला सोटो (State organ and tissue transplant organization) SMS मेडिकल कॉलेज जयपुर में है।जिसके माध्यम से अब तक बहुत से लोग देहदान संकल्प ले चुके हैं।
इस अवसर पर SOTTO के IEC Media Consultant डॉ. मनीष शर्मा और Transplant Coordinator डॉ. अजित सिंह ने बताया कि इस संस्था का उद्देश्य अंगदान को बढ़ावा देकर जरुरतमंदो मरीजों के जीवन को बचाना है। अंग प्रतिरोपित व्यक्ति के जीवन में अंगदान करने वाला व्यक्ति एक ईश्वर की भूमिका निभाता है। समाज सेविका रिया दगड़ा ने इसी मुहीम को आगे बढ़ाते हुए स्वयं अपनी देहदान करने का संकल्प लिया है और अन्य लोगो को भी आगे बढ़-चढ कर अंगदान करने का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया है।
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चिकित्सकों ने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा कि आज शिक्षा का इतना प्रचार-प्रसार होने के बावजूद भी शिक्षित लोग भी अंगदान व देहदान को लेकर कुछ मिथक पाले हुए हैं,जिसकी वजग से अंगदान का प्रतिशत अभी काफी कम है और SOTTO इस क्षेत्र में जागरूकता लाने के तमाम प्रयास कर रहा है।
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शोध व समाज दोनों के काम आता है देहदान -- रिया दगड़ा
सोशल एक्टिविस्ट Riya Dagra ने देहदान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हम यदि इस नश्वर शरीर के दान अर्थात देहदान का संकल्प लेते हैं हैं तो जहाँ एक ओर किसी ज़रूरतमंद की मदद होती है तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सा क्षेत्र में शोध किये जाने से पूरी मानव जाति लाभान्वित होती है।अतः हमें सामाजिक कुरीतियों के बंधन को तोड़कर इन पुनीत कार्य मे भागीदार बनना चाहिए व दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करना चाहिए।
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