डिजिटल बाल मेला 2021 सीजन 2
राजनीति में आने के लिए तय होनी चाहिए शैक्षणिक योग्यता:- नीरज डांगी
"राजपरिवारों का लोकतंत्र के निर्माण में योगदान" विषय पर सांसद दीया कुमारी का बच्चों संग संवाद आज (14 जुलाई)
Media Kesari (मीडिया केसरी) ✍🏻
जयपुर- 13 जुलाई। फ्यूचर सोसाइटी और एलआईसी द्वारा प्रायोजित रचनात्मक मंच 'डिजिटल बाल मेला 2021' सीजन2 (Digital Baal Mela 2021 Season 2) में विधानसभा में अपनी बात रखने जा रहे बच्चों ने अच्छा वक्ता बनने के गुर सीखें। एफएम सरताज आरजे कार्तिक (RJ Kartik) ने बच्चों के सभी सवालों के जवाब देते हुए उन्हें अपनी बात से लोगों को प्रसन्न करने के टिप्स दिये। बाल राजनीति में बच्चों का हौसला बढ़ाने आये आरजे कार्तिक (RJ Kartik ) ने सार्वजनिक मंच पर किस तरह अपने आपको प्रस्तुत करना है, शब्दों का चयन करना है,किन मुद्दों पर बात करनी है अपनी स्पीच को कैसे आकर्षित बनाना है की तरकीब सिखाई। इसी के साथ आरजे कार्तिक (RJ Kartik) ने बच्चों को सफलता का मंत्र भी दिया। उन्होंने बताया कि सफलता के लिए कोई शॉर्ट कट नहीं होता हमें सिर्फ मेहनत करनी होती है।
बच्चों ने आरजे कार्तिक से उनके संघर्षो की कहानी के साथ ही उनके अनुभव भी जानें। तो वही पहली बार बच्चों की क्लास में आये आरजे कार्तिक ने भी बच्चों का मन मोहने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान कार्तिक ने बच्चों को बताया कि परफेक्शन जैसी कोई चीज नहीं होती है हमें अपने मन की सुनकर अपना काम करना चाहिए। दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं होता है बस हमेशा अपनी कमजोरी को ताकत बनाकर काम करने चाहिए। तो वही बच्चों को विधानसभा या राजनीति के किसी भी क्षेत्र में अपनी बात करने के लिए रिसर्च, कॉन्फिडेंस और प्रैक्टिस करने पर जोर दिया।
आरजे कार्तिक (RJ Kartik) ने बताया कि हमारा ज्ञान ही हमें हमारा अधिकार दिला सकता है इसलिए अच्छा वक्ता बनने और अपनी बात कहने के लिए पढ़ाई भी बहुत जरूरी है।तो वही कार्तिक ने अच्छे वक्ता बनने से पहले अच्छा श्रोता बनने की सीख भी बच्चों को दी।
इस सेशन की लीडर गर्विता को घोषित किया गया। जिन्होंने कार्तिक से आरजे का मतलब पूछा था।
राजनीति में आने के लिए तय होनी चाहिये शैक्षणिक योग्यता: नीरज डांगी
---डिजिटल बाल मेला के बच्चों संग संवाद में बोले राज्यसभा सांसद
Media Kesari
जयपुर- राज्यसभा सांसद नीरज डांगी का कहना है कि राजनीति में आने के लिए शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में पढ़े लिखे लोग ही होने चाहिए। साथ ही बच्चों से वादा किया कि यदि ऐसा बिल आता है तो वे इसका समर्थन करेंगे। दरअसल, यह बात उन्होंने फ्यूचर सोसाइटी और एलआईसी द्वारा प्रायोजित रचनात्मक मंच डिजिटल बाल मेला 2021 के सीजन-दो में बच्चों से संवाद के दौरान कही।
हुआ यूं कि इस संवाद में कुशलगढ़ की माही गादिया ने पूछा कि जिस तरह आईपीएस के लिए यूपीएससी, डॉक्टर बनने के लिए नीट जैसी परीक्षाएं आयोजित की जाती है, उसी तरह राजनीति में आने के लिए कोई एजुकेशनल लेवल क्यों नहीं तय होता है? इस सवाल के जवाब में डांगी ने यह बात कही। साथ ही बच्चों को लोकसभा और राज्यसभा के बीच का अंतर भी बताया। बता दें इस संवाद में बुधवार को राजसमंद सांसद दीया कुमारी बच्चों से रुबरु होंगी।
संवाद में बच्चों ने जहां एक तरफ लोकसभा और राज्यसभा के बीच का अंतर जाना तो वही उन्होंने एक सांसद और विधायक की शक्तियों के बारे में भी संवाद किया। इस दौरान बच्चों ने पूछा कि जनता को राज्यसभा सांसद चुनने का अधिकार क्यों नही दिया जाता? इस पर सांसद डांगी ने बताया कि ये सारी प्रक्रिया संविधान में तय की गई है। सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन जनता विधायक को चुनती हैं और उनके चुने विधायक राज्यसभा सांसद का चुनाव करते है। इस तरह से जनता ही अप्रत्यक्ष तौर पर राज्यसभा सांसद का चुनाव करती है।
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संवाद में बाल राजनीति में शामिल हो रहे बच्चों को सांसद डांगी ने कठिनाईयों से भी रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि राजनीति में सबसे बड़ा इम्तिहान जनता से होता है। किसी भी नेता के लिए जनता का विश्वास जीतना ही उसके लिए सही मायनों में उसकी परीक्षा होती है। इस संवाद की लीडर जयपुर की ख्वाहिश को चुना गया। ख्वाहिश ने लोकसभा और राज्यसभा के बीच में विशेष अंतर जानने में अपनी रूचि दिखाई थी।
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