MLSU News- मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री और आधुनिक राजस्थान के निर्माता मोहनलाल सुखाड़िया की जयंती पर स्मृति व्याख्यान आयोजित

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फैकल्टी ऑफ रिहैबिलिटेशन प्रारम्भ करने की कुलपति ने की घोषणा

दिव्यांग शब्द समाज को उनके अधिकारों के प्रति अवगत कराता है- डॉ श्रीवास्तव

दिव्यांग हमारे मानव समाज के अभिन्न अंग : प्रो.अमेरिका सिंह, कुलपति


Media Kesari (मीडिया केसरी)


उदयपुर-31 जुलाई।  मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय 

(Mohanlal Sukhadia University Udaipur) के छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के तत्वावधान में पूर्व मुख्यमंत्री और आधुनिक राजस्थान के निर्माता मोहनलाल सुखाड़िया की जयंती पर स्मृति व्याख्यान शनिवार को बप्पा रावल स्वर्ण जयंती अतिथि गृह में हुआ।

Memorial lecture organized at Mohanlal Sukhadia University on the birth anniversary of , Mohanlal Sukhadia

Vice Chancellor Professor America Singh announced to start Faculty of Rehabilitation


विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश के राज्य आयुक्त (दिव्यांग जन) डॉ एसके श्रीवास्तव ने कहा कि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति कभी भी दया का पात्र नहीं होता बल्कि वह उसके अधिकारों का हकदार होता है। सरकार ने दिव्यांग शब्द देकर उनके अधिकारों के प्रति समाज को अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिव्यांग जनों की विभिन्न श्रेणियां बनाई है, जिसके तहत उस की परिभाषाएं भी की गई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के प्रति दया भाव का मॉडल पुराना हो गया अब उनके अधिकारों का मॉडल है और यही उनके अस्तित्व को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि 2016 में दिव्यांग जनों के सम्मान और सामाजिक स्वीकार्यता को लेकर बहुत संवेदनशील योजना बनाई गई और उसी के तहत नया नाम दिया गया। 


Memorial lecture organized at Mohanlal Sukhadia University on the birth anniversary of , Mohanlal Sukhadia

Sukhadia,former Chief Minister and builder of modern Rajasthan remembered on Birth Anniversary


उन्होंने कहा कि साइन लैंग्वेज को प्रोत्साहित करने के उन्होंने कई प्रयास किए और अनवरत कर भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि गूंगा शब्द तथ्यात्मक रूप से सही नहीं होता क्योंकि बहरा व्यक्ति इसलिए नही बोल पाता क्योंकि उसने कभी कुछ सुना नहीं होता है इसलिए वह शब्दों का उच्चारण नहीं कर पाता लेकिन उसका स्वर तंत्र तो काम करता है। यानी वह गूंगा नहीं होता बल्कि बहरा होता है। उन्हें श्रवण बाधित कह सकते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे विद्यालयों आए गूंगा शब्द हटाया जाए। 

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी ने कहा कि दिव्यांग शब्द इन की प्रतिष्ठा को स्थापित करता है और शब्द के जरिए उनका सम्मान भी करता है। उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है हमें भी दिव्यांग जनों के लिए उनके अधिकारों के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

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 कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह ने कहा कि शीघ्र ही फैकल्टी ऑफ रिहैबिलिटेशन शुरू की जाएगी जो कि दिव्यांग जनों को एकेडमिक क्षेत्र में आगे बढ़ाएगी। प्रो सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय का सीमा विस्तार हो रहा है और शीघ्र ही नए कैंपस डवलप किए जाएंगे। उन्होंने 1 वर्ष के कार्यकाल क्व विभिन्न  कार्यक्रमों के बारे में भी उन्होंने विस्तार से बताया और कहा कि 2022 का विजन विश्वविद्यालय को विश्व स्तर पर स्थापित करना है।

  

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इस अवसर पर श्रमिक नेता जगदीशराज श्रीमाली, शहर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष नीलिमा सुखाड़िया ने भी विचार व्यक्त किए। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो पूरणमल यादव तथा कार्यवाहक रजिस्ट्रार दलपतसिंह राठौड़ ने सभी का स्वागत किया। धन्यवाद प्रोफेसर नीरज शर्मा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ मुनमुन शर्मा वह डॉ कुमुद पुरोहित ने किया।

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